याद है ये कौन सी जगह है.?
याद भी कैसे होगा
बहुत कुछ है जिसे तुम भूल चुकी है
हाँ मगर तुम्हें ये ज़रूर याद रहता है
बहुत दिनों बाद अचानक से ये पूछ लेना "कैसे हो"
वैसा ही हूँ जैसा तुम रह-रह कर छोड़ कर चली जाती हो
याद भी कैसे होगा
बहुत कुछ है जिसे तुम भूल चुकी है
हाँ मगर तुम्हें ये ज़रूर याद रहता है
बहुत दिनों बाद अचानक से ये पूछ लेना "कैसे हो"
वैसा ही हूँ जैसा तुम रह-रह कर छोड़ कर चली जाती हो
और फिर अचानक किसी दिन
ज़िन्दगी के किसी सवाल की तरह सामने आ जाती हो
वैसे बता दूं, ये वही जगह है जहाँ चालीस दिन का चिल्ला होना तय हुआ था
तुम्हारा और मेरा ठिकाना लाहौल-स्पीती, जहाँ हम दोनों अलाव पर इश्क़ चढाने वाले थे पकाने के लिए
खैर, ज़िंदा तुम भी हो और मैं भी (हूँ क्या)
#प्रवीण